बता दें कि एमपी की छतरपुर पुलिस ने ऐसा कमाल किया जिसकी पुलिस विभाग में चर्चा हो रही है। पुलिस ने हत्या के कातिल को पकड़ने के लिए साधु-संतों की मदद ली और उनके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा भी कर दिया। इसी वीडियो के आधार पर पीडित परिवार को पुलिस की यह कहानी पची नहीं और एसपी को इस मामले मे ज्ञापन देकर थाना पुलिस की इस हरकत की शिकायत की। फिलहाल बाबा की मदद लेने पर छतरपुर पुलिस की किरकिरी हो रही है।
छतरपुर/मध्यप्रदेश।
मध्यप्रदेश में अब वह दिन दूर नहीं हैं जहां बड़े से बड़े अपराधों और हत्याओं का खुलासा बाबा के दरबारों द्वारा किया जाएगा। हत्या जैसे जघन्य अपराधों की गुत्थी पलक झपकते ही हल कर ली जाएगी! क्योंकि??
मध्य प्रदेश पुलिस ने त्रिकालदर्शी बाबाओं का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
अंधविश्वास की हद तो तब हो गई जब भोली-भाली आम जनता के साथ-साथ अब बुद्धिजीवी पुलिसकर्मियों ने भी इनका सहारा लेना शुरू कर दिया है। वो भी शासकीय कार्यों में।
दरअसल,मध्यप्रदेश पुलिस के एक एएसआई द्वारा एक हत्या के मामले की गुत्थी बाबा के यहां सुलझानी उस वक्त महंगी पड़ गयी,जब वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने संज्ञान लेते हुए सस्पेंड कर थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया।
दरअसल,मध्यप्रदेश की पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने के लिए बाबाओं की शरण ले रही है। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है। जिसमें एक पुलिस अधिकारी बाबा के दरबार में जाकर हत्या के एक मामले को सुलझाने के लिए मदद मांग रहे हैं। इतना ही नहीं बाबा के दिए संकेत पर पुलिस ने कार्रवाई भी की।
मामला छतरपुर जिले के बमीठा का है। यहां की पुलिस हत्या के एक मामले को सुलझा नहीं पाई, तो एएसआई अनिल शर्मा पंडोखर सरकार की शरण में पहुंच गए। उनके पैरों में बैठकर हत्या के इस केस को सुलझाने में मदद मांगी। इस पर पंडोखर सरकार ने उन्हें कुछ संकेत दिए। इसके बाद पुलिस ने मृतक के चाचा को हत्या का आरोपी बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले में एसपी ने बमीठा थाना इंचार्ज को लाइन अटैच कर दिया है। वहीं ASI को सस्पेंड कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,28 जुलाई को छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के गांव ओंटा पुरवा में एक नाबालिग लड़की की लाश कुएं में मिली थी। शव संदिग्ध अवस्था में था, इसलिए पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोप की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने गांव में ही रहने वाले तीन युवकों को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ भी की थी, लेकिन तीनों युवकों की मोबाइल की लोकेशन घटना वाले दिन घटनास्थल पर नहीं मिली, इसलिए पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। उसके कुछ दिनों बाद पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए मृतका के चाचा को यह कहते हुए गिरफ्तार कर लिया कि उसे इस बात का शक था कि उसकी भतीजी के किसी से नाजायज संबंध है। उसे चरित्र पर शक था जिसको लेकर उसने अपनी भतीजी का गला घोंटकर हत्या की और बाद में उसे कुएं में फेंक दिया।
थाना इंचार्ज को किया लाइन अटैच
बमीठा पुलिस ने जिस तरह से इस पूरे मामले का खुलासा किया परिवार के लोगों को बेहद हैरानी थी। तभी सोशल मीडिया पर पंडोखर सरकार और थाना बमीठा में पदस्थ एएसआई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें वर्दी पहने हुए पुलिस अधिकारी पंडोखर सरकार से हत्या की गुत्थी सुलझाने में मदद मांगता हुआ दिखाई दे रहा है।
वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में छतरपुर एसपी सचिन शर्मा ने पंडोखर बाबा से मदद मांगने पर बमीठा थाने में पदस्थ एएसआई अनिल शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। वहीं थाना प्रभारी पंकज शर्मा को लाइन अटैच किया। इस मामले के जांच के आदेश खजुराहो एसडीओपी को दिये हैंं। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए एक टीम का गठन किया। जो कि न सिर्फ मामले की जांच करेगी, बल्कि हत्या की गुत्थी सुलझाएगी।
बाबा ने कैसे दरबार में सुलझाई हत्या की गुत्थी
हत्या गुत्थी को सुलझाने के लिए एएसआई अशोक शर्मा बाबा पंडोखर सरकार के पास पहुंचा था,जिस पर पंडोखर सरकार ने कहा कुछ नाम हैं, उन नामों में से एक नाम को मैं ना बोलूं तो समझ लो वही है। बाकी नहीं है तुम्हारे रिकॉर्ड में दर्ज होंगे, ध्यान से सुनना। रवि अहिरवार, राकेश,अमन, अब ढूंढ़ लेना कौन है। तुमने उन लोगों को उठाया है, उनसे पूछा है उनमें से कोई एक है जिसका मैंने नाम नहीं लिया उससे ही रहस्य खुलेगा। तुम जितने नाम लिख कर लाए हो उनमें से एक नाम मैनें नहीं बोला वहीं से सुराग लगेगा। एक व्यक्ति मझगुवां क्षेत्र का होगा, उसी से राज खुलेगा।
जिसके बाद एएसआई अशोक शर्मा वापस अपने थाने पहुंचा और थाना प्रभारी को पूरी बात बताई। जिसके बाद थाना प्रभारी ने उस व्यक्ति के परिजन को बुलाया जिसके बारे में पंडोखर सरकार ने बोला था। थाना प्रभारी पंकज शर्मा ने वीडियो दिखाते हुए 17 वर्षीय मृतका संजना अहिरवार के चाचा तीरथ अहिरवार को आरोपी मान कर हिरासत में लेते हुए जेल भेजने की कार्यवाही की। जिसके विरोध में ग्रामीणों के साथ परिजन एसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंच गए और पूरी आपबीती सुनाई।