जांजगीर-चंपा/छत्तीसगढ़।
खाकी के आपने कई रंग देखे होंगें पर कुछ अच्छे और कुछ बुरे पर खाकी का ये रंग अनोखा है। लोग इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए थक नही रहे हैं। और करें भी क्यों नही क्योंकि आरक्षक ने जो काम किया है वो वास्तव में ही काबिले तारीफ हैं। दरअसल,छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में एक आरक्षक ने दरियादिली दिखाते हुए मानवता की मिसाल पेश की है। एक ओर जहां पूरा देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है, दूसरी ओर जरूरतमंदों की मदद के लिए दान की बेहद जरूरत है। ऐसे समय में आरक्षक का यह दिलदार पन कई गरीबों के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है। इस पुलिसकर्मी की दरियादिली देख लोग कायल हो गए और तारीफों के पुल बांधने लगे। क्योंकि वो भी अपने दादा और पिता के नक्से कदम पर चल रहा है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,जांजगीर जिले के सक्ती थाना में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह ने अपने एक साल का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान कर दिया है। आरक्षक की एक साल की राशि करीब 3 लाख 50 हजार है। आरक्षक ने एसपी को पत्र लिखकर कहा है कि 1 दिसंबर 2020 से 1 दिसंबर 2021 तक 12 महीने के वेतन की राशि को मुख्यमंत्री सहायता कोष में स्वेच्छापूर्वक दान दे रहे हैं। इस दौरान उन्हें वेतन न देकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया जाए। पुष्पराज सिंह मूल रूप से मुंगेली जिले के मदनपुर के रहने वाले हैं।
आरक्षक पुष्पराज सिंह बताते है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने अपील करते हैं कि हर किसी को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामने आना चाहिए। उसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपना 12 माह का वेतन स्वेच्छा से दान किया है। एसपी मैडम को पत्र लिखकर इसकी जानकारी भी दी है। उनके एक साल की राशि तकरीबन 3 लाख 50 हजार के आस पास है। पुष्पराज आगे कहते है कि उनके दादा ने भी अपनी 64 एकड़ जमीन कवर्धा जिले के रामहेपुर में दान में दी थी। पुष्पराज सिंह के पिता कवर्धा में जिले के तरेगांव में प्रिंसिपल हैं।