बता दें कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने कुछ समय पहले पुलिस आरक्षक के 4269 पदों पर जल्द भर्ती करने की बात कही थी। वहीं नवंबर में जेल प्रहरी के 282 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित होनी है। ऐसे में इनकी तैयारी कर रहे प्रदेश के मूल निवासी युवाओं के लिए यह एक अच्छी खबर है।
भोपाल/मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब सरकारी नौकरी केवल प्रदेश के लोगों को ही मिलेगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा- मध्य प्रदेश में शासकीय नौकरी अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए होगी। इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है। सीएम ने कहा- मध्य प्रदेश के संसाधन मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए हैं। सरकार की इस बड़ी घोषणा के बाद उन युवाओं में खुशी का माहौल है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है। हाल ही में प्रदेश में जेल प्रहरी के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाना है। इसके लिए भी बड़ी संख्या में युवाओं ने फार्म भरा है। इसके पहले तक मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए दूसरे प्रदेशों के लोग भी आवेदन कर सकते थे।
सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी क्या कहा सीएम ने
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- आज मध्यप्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है। मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरी अब केवल मध्यप्रदेश के बच्चों को दी जाएगी, क्योंकि मध्यप्रदेश के संसाधन केवल प्रदेश के बच्चों के लिए हैं।
मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहाँ का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 18, 2020
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,दिग्विजय ने की थी मांग पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कहा था- मध्यप्रदेश के बेरोजगारों की समस्या बढ़ती जा रही है। जिनके पास रोज़गार था वे भी कोरोना संकट काल में बेरोज़गार होते जा रहे हैं। कांग्रेस की मांग है कि मप्र सरकार उन्हीं को नौकरी में ले जिन्होंने 10वीं कक्षा मप्र से पास की हो जैसा कि मेरे मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में नियम था।
दिग्विजय सिंह ने कहा था- मैंने अपने कार्यकाल में युवाओं को मदद देने के लिए मैंने एक नियम बनाया था कि 10 और 12वीं जो एमपी के लोगों को ही शासकीय नौकरी देंगे। लेकिन भाजपा की सरकार आते ही इस नियम को बदल दिया गया और आज भी ये नियम लागू है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश में फिर से ये नियम लागू करें कि एमपी के लोगों को ही रोजगार मिले।