गौरतलब है कि देश की सत्ता हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में टॉप-10 थाने की लिस्ट निकलवाने की शुरुआत की थी। 2015 में गुजरात के कच्छ में डीजीपी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि थानों की ग्रेडिंग के लिए प्राप्त जानकारी के आधार पर उनके कार्य प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारित होना चाहिए।
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को देशभर के 10 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पुलिस स्टेशनों की सूची की घोषणा की इसमें मणिपुर के नोंगपोक सेमकई पुलिस थाने ने पहले पायदान पर कब्जा जमाया है। चौंकाने वाली बात यह है कि सूची में राजधानी दिल्ली का एक भी थाना नहीं है।
जिसमें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के एक थाने को 8वां स्थान मिला है। जबकि मध्यप्रदेश के हाथ इस बार खाली रहे एमपी के किसी भी थाने का नाम इस लिस्ट में नही है। वहीं तेलंगाना के जम्मीकुंटा टाउन थाने ने 10वां स्थान हासिल किया है।
यह रैंकिंग विभिन्न मापदंडों के आधार पर होती है। इनमें शीर्ष पर होते हैं संपत्ति विवाद से संबंधित अपराधों की संख्या, महिलाओं के खिलाफ अपराध और एक पुलिस स्टेशन में कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराध निस्तारण।
गृह मंत्रालय ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों के लिए इस वर्ष भी सर्वेक्षण किया था। इसमें इस बार कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को भी एक श्रेणी में रखा गया है। सर्वेक्षण सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया था। देश के हजारों पुलिस थानों में से इनका चयन विभिन्न स्तर पर छंटनी के बाद किया गया। इसके बाद दस का नाम फाइनल किया गया। जिन्हेंं शीर्ष दस में स्थान दिया गया, वहां पर सबसे महत्वपूर्ण था कि यहां पर सीमित संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी उत्कृष्ट कार्य किया गया। यहां पर पुलिसकर्मियों का समर्पण, ईमानदारी,अपराध को रोकने और नियंत्रित करने और राष्ट्र की सेवा करने का जज्बा भी परखा गया।
देशभर के हज़ारों थानों में से टॉप-10 को चुना गया
देशभर के 16,671 पुलिस स्टेशनों में से शीर्ष 10 पुलिस स्टेशनों को रैंक करने की प्रक्रिया में डेटा विश्लेषण के साथ प्रत्यक्ष अवलोकन व सार्वजनिक प्रतिक्रिया को माध्यम बनाया गया। यहां पर संपत्ति अपराध, महिलाओं के खिलाफ अपराध, कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराध, गुमशुदा व्यक्ति, अज्ञात व्यक्ति और अज्ञात शव के मामलों के निस्तारण को वरीयता दी गई। इसके साथ मानकों का मूल्यांकन करने और पुलिसिंग में सुधार की तकनीकों की पहचान करने के लिए 19 मापदंडों की पहचान की गई।
महामारी की अवधि के दौरान सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए संघ के सभी राज्यों ने पूर्ण सहयोग के साथ इस वर्ष के सर्वेक्षण में भाग लिया।
750 पुलिस थानों को किया गया शॉर्टलिस्ट
गृह मंत्रालय के अनुसार पहले चरण की प्रक्रिया के बाद कुल 750 पुलिस थानों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
इनमें सभी राज्यों और दिल्ली से दो थानों को शामिल किया गया और केंद्रशासित प्रदेशों से एक थानों को।
इसके बाद रैंकिंग प्रक्रिया के अगले चरण के लिए उनमें से 75 थानों को चुना गया।
अंतिम चरण में 19 मापदंडों की पहचान की गई। इसके अलावा थानों की आधारभूत संरचना, पुलिसकर्मियों के संपर्क और जनता के फीडबैक लिया गया।
4,065 लोगों का फीडबैक लेने के बाद तैयार हुई शीर्ष 10 थानों की सूची
गृह मंत्रालय ने बताया कि प्रत्येक स्थान से लगभग 55 लोगों को शामिल करके 4,065 लोगों से फीडबैक लिया गया। थानों और वहां के पुलिसकर्मियों के व्यहार पर लोगों की ओर से मिले फीडबैक के आधार पर शीर्ष 10 थानों का चयन किया गया है।
देखें टॉप-10 थानों का नाम
नोंगपोक सेमकई (थौबल, मणिपुर)
एडब्ल्यूपीएस सुरमंगलम (सालेम, तमिलनाडु)
खरसांग (चांगलांग, अरुणाचल प्रदेश)
झिलमिल (सुरजापुर, छत्तीसगढ़)
संगुएम (दक्षिण गोवा, गोवा)
कालीघाट (उत्तर और मध्य अंडमान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)
पॉकयोंग (पूर्वी जिला, सिक्किम)
कंठ (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश)
खानवेल (दादरा और नागर हवेली, दादरा और नागर हवेली)
जम्मीकुंटा टाउन (करीमनगर, तेलंगाना)