मुंगेर/बिहार………….
मुंगेर में मंगलवार की दोपहर 110 फुट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिरी 3 साल की बच्ची को 31 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। बच्ची को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है बच्ची को बुधवार देर शाम बोरवेल से निकाला जा सका।
क्या है मामला…………
दरअसल, मुंगेर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत मुर्गीयाचक मोहल्ले में मंगलवार को 3 साल की एक बच्ची घर के आंगन में खुदे बोरवेल के गड्ढ़े में गिर गई थी। मुर्गियाचक निवासी उमेश नंदन प्रसाद साव के घर में समर्सिबल के लिए किए गए बोरिंग में मंगलवार को उनकी नातनी सना (3 साल) फिसलकर गिर गई। बच्ची के गड्ढे में गिरते ही परिजनों में कोलाहल मच गया। सभी लोग बच्ची को बोरिंग से बाहर निकालने में जुट गए। परिजन जब बच्ची को बाहर निकालने में असफल हो गए तो घटना की सूचना पुलिस को दी गई।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का सराहनीय कार्य……….
मौके पर पहुंचे पुलिस और अग्निशमन विभाग ने अपने स्तर पर बच्ची को बचाने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगती देख एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को घटना के बारे में सूचित किया गया मंगलवार की रात ने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
एनडीआरएफ ने पाइप के सहारे बच्ची को ऑक्सीजन देना शुरू किया और बोरवेल के साथ में एक बड़े गड्ढे की खुदाई शुरू की। एनडीआरएफ ने हाई फ्रीक्वेंसी माइक के द्वारा बच्ची से संपर्क किया और उसकी बात उसके माता-पिता से कराई।
प्रशासन रहा मुस्तैद………..
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुंगेर के कमिश्नर पंकज कुमार पाल और डीआईजी जितेंद्र मिश्र भी वहां डेरा डाल कर रेस्क्यू ऑपरेशन का मुआयना करते रहे। उधर, बच्ची के बोरवेल में गिरने की खबर आसपास के इलाकों में फैल गई और घटनास्थल पर भीड़ जुटने लगी। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद बुधवार की शाम बच्ची को बोरवेल से सुरक्षित निकाल लिया गया।