बता दें कि जीवाजी राव सिंधिया के नाम पर 100 साल से ज्यादा पुराने सबसे प्रतिष्ठित क्लब में जुए का ठिकाना चलता मिला। शहर के बड़े लोगों की सदस्यता वाले इस क्लब परिसर के कमरा नंबर चार में पूरी प्लानिंग के साथ जुआ खिलवाया जाता था जिसमें मंगलवार को भंडाफोड़ हो गया। खुद क्लब का सदस्य व कारोबारी ही फिलहाल इसका कर्ताधर्ता निकला है जिसपर गेस्ट हाउस का जिम्मा था
ग्वालियर/मध्यप्रदेश।
सिंधिया के रियासत काल में स्थापित देश के प्रतिष्ठित क्लबों में से एक ग्वालियर के जीवाजी क्लब में लगभग तीन दशक बाद पुलिस की एंट्री हुई। पुलिस और क्राइम ब्रांच ने अचानक क्लब परिसर में छापा मारकर ग्यारह लोगों को दबोच लिया।
सबसे बड़े और पुराने “जीवाजी क्लब” में जुआ खेलते 11 व्यापारियों के कब्जे से पुलिस ने 3 लाख से ज्यादा का कैश जब्त किया है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,जब पुलिस कमरा नंबर 4 में पहुंचे तो वहाँ 11 लोग जुआ खेलते मिले, पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया और जब तलाशी ली तो इनके पास से तीन लाख तीस हजार पंद्रह रुपये और ताश की गड्डियाँ मिली। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए जुआरी शहर ले व्यापारी हैं। इनके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। पकड़े गए व्यापारियों के नाम ध्रुव, हेमंत, दिलीप, सुनील, ब्रजेश, गजेंद्र, बलवंत, पान सिंह, अवधेश, मनोज और राकेश बताये गए हैं।
पुलिस को यह आशंका है, इस कमरे में जुए की फड़ पहली बार नहीं लगी थी। बल्कि यहां लंबे समय से जुआ खेला जा रहा था। पुलिस यहां लगे सीसीटीवी कैमरों से पूरी पड़ताल करेगी। इसके बाद इसका राज खुल सकेगा।
राकेश कुमार गुप्ता मास्टरमाइंड निकला
दरअसल जीवाजी क्लब के गेस्ट हाउस स्थित एक कमरे में लंबे समय से जुआ खेले जाने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार रात को यहां दबिश दी और जिस समय कमरा नंबर-4 में जुआरी पकड़े गए। यहां से 11 जुआरियों को पकड़ा। भाजपा से जुड़े राजू गुप्ता उर्फ राजू सेठ का भाई राकेश गुप्ता मास्टरमाइंड निकला। उसकी उम्र 65 वर्ष है, लेकिन जुआरियों को कमरा उपलब्ध करवाता था और इनके साथ खुद भी जुआ खेलता था। वह माधोगंज स्थित चितेरा ओली का रहने वाला है। राकेश कुमार गुप्ता पर क्लब के गेस्ट हाउस की देखरेख की जिम्मेदारी थी। इसी का फायदा उठाकर वह यहां जुआ खिलवाने लगा। उसका एजेंट संदीप है, जो 4 हजार रुपए में कमरा बुक करता था, जबकि कमलेश जटारिया एलआइसी एजेंट है जो यहां जुआ खेलने के लिए लोगों को इकठ्ठा कर लाता था।
11 धन्नासेठ पकड़े
पुलिस के अनुसार यहां 11 जुआरी पकड़े गए। इनमे ज्यादातर धनाढ्य लोग है। इनमे बीजेपी से जुड़े एक नेता का भाई शामिल है। पुलिस ने इनके कब्जे से ताश की गड्डी और तीन लाख रुपए से ज्यादा नकदी बरामद की। पुलिस सभी को लेकर झांसी रोड थाने ले गई।
धन्नासेठों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर दबाव
पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कम्प मच गया। पकड़े गए लोगों में दाल बाजार,सराफा बाजार ,लोहिया बाजार के व्यापारी और उनके लड़के आदि थे। इनके परिजनों ने नेताओं से संपर्क किया। नेता थाने और अन्य पुलिस अफसरों को फोन लगाते रहे लेकिन पुलिस ने तब तक कॉल रिसीब नही किया जब तक कायमी और बरामदगी की कार्यवाही पूरी नही कर ली। सूत्रों का कहना है कि बाद में एक ताकतवर मंत्री ने फोन किया तो पुलिस ने सबको जमानत पर रिहा कर दिया।
जुआ खेलते हुए पकड़े गए–
राकेश कुमार गुप्ता पुत्र स्व.बाबूलाल गुप्ता, चितेरा ओली, माधोगंज
मनोज पुत्र राजेंद्र राजपूत निवासी तेल मिल, के पास काल्पी ब्रिज कालोनी
अवधेश पुत्र मुन्नालाल बघेल निवासी पुरानी छावनी
पान सिंह पुत्र टीकाराम कुशवाह निवासी सिकंदर कंपू
ध्रुव राठौर पुत्र सियाराम राठौर निवासी जागृति नगर, जनकगंज
हेमंत कुशवाह पुत्र गंगाराम कुशवाह निवासी हेमसिंह की परेड माधोगंज
सुनील सिंह पुत्र कमल सिंह निवासी गुढ़ा-गुढ़ी का नामा
दिलीप पुत्र स्व.देवीसिंह कुशवाह निवासी सिकंदर कंपू
बृजेश पुत्र बादाम रजक निवासी काेटेश्वर कालोनी, घासमंडी
राजेंद्र पुत्र पातीराम माहौर निवासी लक्कड़खाना
बलवंत पुत्र कालू कुर्मी निवासी घासमंडी, किलागेट
इनका कहना
झांसी रोड थाना टी आई संजीव नयन शर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जीवाजी क्लब में कुछ लोग जुआ खेल रहे हैं। मुखबिर की सूचना के बाद क्राइम ब्रांच और झांसी रोड थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से जीवाजी क्लब पर छापा मारा।