बता दे कि मंगलवार को नंबर वन पुलिस डॉटकॉम (No1Police.com) ने जहरीली शराब मामला ! “”एसपी पर गिर सकती है गाज”” इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था और बड़ी कार्रवाई की बात कही थी। ऐसे में एक बार फिर “”नंबर वन पुलिस डॉटकॉम”” न्यूज की खबर का असर हुआ है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बड़ी कार्यवाही की गई है।
भोपाल/मुरैना/मध्यप्रदेश।
मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई 20 मौतों के मामले में प्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़ी कार्यवाही की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लापरवाही बरतने के चलते मुरैना कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया गया है। जिले के तीन गांवों में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। इनके साथ ही जौरा के एसडीओपी को भी हटा दिया गया है। सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुंचाने वाली है। ऐसे मामलों में कलेक्टर और एसपी ही दोषी होंगे, मैं मूक दर्शक नहीं रह सकता। अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
इसके पहले मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मुरैना में जहरीली शराब दुर्घटना अत्यंत दु:खद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। दुर्घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। कमिश्नर ग्वालियर-चंबल ने जांच दल बनाया है, जिसने जांच प्रारंभ कर दी है। जो भी व्यक्ति दोषी होंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। घटना में प्रथमदृष्टया सुपरविजन के लापरवाही पाए जाने पर, जिला आबकारी अधिकारी मुरैना और मुरैना टीआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इसके अलावा दतिया की जिला आबकारी अधिकारी निधि जैन को मुरैना का भी प्रभार सौंपा गया है। घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क पर शवों को रखकर जाम भी लगाया था।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,मुरैना जहरीली शराब कांड में 20 लोगों की मौत और कईयों के बीमार होने के चलते आज बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के साथ-साथ मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा सहित कई बड़े पुलिस अधिकारी आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा व आबकारी विभाग के आयुक्त शामिल होने पहुंचे है।
बैठक की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना कलेक्टर,एसपी और एसडीओपी पर बड़ी कार्रवाई की और पद से हटा दिया। वही बैठक में प्रदेश में अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कुछ और बड़ी कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री नीतिगत निर्णय ले सकते हैं सरकार यह भी तय कर सकती है कि ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन की क्या जवाबदेही होगी।