बता दें कि आरक्षक सुल्तान सिंह पूर्व में भी विवादों से घिरा रहा है। पुलिस लाइन से दो महीने पहले डीजल चोरी का आरोप जवान पर लगा था। इस पर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान द्वारा आरक्षक को निलंबित कर दिया था। कुछ दिन पहले ही निलंबन के बाद जवान को बहाल किया गया था।
भिंड/मध्यप्रदेश।
मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) में एसपी कार्यालय में एक आरक्षक का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। जहां जवान ने गुस्से में अपनी वर्दी तक फाड़ दी। आरक्षक का कहना है कि जब पुलिस ही पुलिस की नहीं सुनती तो ऐसी वर्दी पहनने का क्या फायदा। इतना ही नहीं आरक्षक ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को खरी खरी सुनाई। पैसों के लेनदेन को लेकर ये पूरा विवाद हुआ है। ये मामला इसलिए भी चर्चा का विषय है, क्योंकि एसपी कार्यालय में कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि खुद पुलिस का जवान है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार,उत्तरप्रदेश के जालौन जिले के बावली के रहने संदीप सिंह राठौड़ का पुलिस लाइन में रहने वाले आरक्षक सुल्तान सिंह के परिवार से पुराना लेन-देन चला आ रहा था। संदीप, अपना पैसा लेने के लिए भिंड आया। वो, आरक्षक सुल्तान सिंह के घर चला गया। इसी समय आरक्षक ने धमकाते हुए संदीप का मोबाइल छीन लिया। इस बात की शिकायत संदीप सिंह ने गुरुवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर लिखित में की। इस मामले की सुनवाई करते हुए दोपहर करीब ढाई से पौने तीन बजे डीएसपी हेडक्वार्टर अरविंद शाह ने पुलिस लाइन में तैनात आरक्षक सुल्तान सिंह को बुलवाया।
आक्रोशित जवान ने डीएसपी के सामने अपनी वर्दी फाड़ी
शिकायतकर्ता संदीप की मौजूदगी में जवान से बातचीत की। तभी दोनों के बीच डेढ़ लाख रुपए उधार का लेन देन की बात सामने आई। संदीप ने यह भी बताया कि सुल्तान सिंह व उसके परिवार से पैसों का लेनदेन काफी समय से चला आ रहा है। वह पैसे लेकर हर बार लौटाते रहे है, लेकिन इस बार पैसे नहीं दे रहा है। वो, पुलिस लाइन में सुल्तान के पास पैसे लेने गया तो उसके साथ अभद्रता की गई और मोबाइल छीन लिया गया। ये सब डीएसपी शाह के चेम्बर के अंदर चल रहा था। इस बात पर डीएसपी हेडक्वार्टर शाह ने पूछा कि तुमने मोबाइल कैसे छीना? ये बात सुनते ही जवान सुल्तान सिंह आवेश में आ गया। गुस्साते हुए डीएसपी शाह के चैंबर में वर्दी फाड़ दी और मैदान में आकर चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। खाकी वर्दी धारी जवान को अर्धनग्न अवस्था में चीखता चिल्लाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी फरियाद पुलिस को सुनाने आए आवेदकों ने देखा। आवेदकों से पुलिस के जवान चीखते चिल्लाते हुए सुनवाई न होने का आरोप लगाया और हंगामा खड़ा कर दिया। जवान द्वारा हंगामे किए जाने की जानकारी लगते ही एएसपी खरपुसे अपने चैम्बर से बाहर निकले और वे जवान को अपने साथ चैम्बर में ले गए। पूरे मामले को सुना।
पुलिस ही पुलिस की नहीं सुन रही,ऐसी वर्दी का क्या फायदा
एएसपी खरपुसे के सामने पुलिस जवान ने कहा- पुलिस ही पुलिस की नहीं सुन रही है। उसने आरोप लगाया कि संदीप की वजह से मेरी जमीन बिक गई। मेरे पिता इस व्यक्ति के कारण बहुत दुखी है। इससे पैसा लेने के बाद मेरा परिवार ब्याज चुकाते आ रहा है। इसका पैसा ब्याज और मूल नहीं चुकता नहीं हो पा रहा है। इस पर एएसपी ने कहा- इस बात की शिकायत करते। इस पर फिर से आवेश में आए जवान ने कहा कि डीएसपी साहब मेरी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। पुलिस ही पुलिस की बात को नहीं सुन रही है। ऐसी वर्दी पहनने का क्या फायदा? ऑफिस के बाहर हंगामा होता देख एएसपी अपने साथ जवान को चैम्बर में ले गए। करीब दो घंटे जवान चैम्बर में रहा।
इनका कहना
–डीएसपी अरविंद शाह का कहना है कि आरक्षक सुल्तान पर उधारी का पैसा न देने और मांगने पर अभद्रता व मोबाइल छीनने की शिकायत की शिकायत आई थी । इस पर आरक्षक सुल्तान सिंह को बुलाया गया था। लेकिन उसने आवेश में आकर मेरे सामने ही वर्दी फाड़कर हंगामा किया। इस संबंध में एसपी साहब को प्रतिवेदन भेजा है।