मुजफ्फरनगर/उत्तरप्रदेश..........
अपराध पर शिकंजा कसने के लिए यूपी पुलिस ने 'त्रिनेत ऐप' विकसित किया है जिसमें बदमाशों की पूरी कुंडली दर्ज रहेगी। मोबाइल पर कहीं भी कोई पुलिसकर्मी किसी भी अपराधी का पूरा रिकॉर्ड देख सकेगा। एक विशेष पुलिस सेल ऐप में दर्ज बदमाशों के गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेगी।
सिटी एसपी की मानें तो मुजफ्फरनगर पुलिस अब नए क्रिमिनल्स की हिस्ट्रीशीट खोलने की मुहिम चलाने जा रही है। जिले में हुए कई वारदातों में नए लोगों के शामिल होने की जानकारी मिल रही है। ओमवीर सिंह के मुताबिक अभी तक करीब 250 नए क्रिमिनल्स की हिस्ट्रीशीट खोली जा चुकी है। यह आंकड़ा जल्द 400 तक पहुंच जाएगा जिले के सभी थानेदारों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्या हैं 'त्रिनेत्र' एप..........
त्रिनेत्र एप महज पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर ही डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए हर जिले को पासवर्ड मिलेगा। इसके मुखिया जिले के कप्तान होंगे वे सभी थाना व चौकी प्रभारियों को पासवर्ड उपलब्ध कराएंगे इसके बाद थानावार या क्षेत्र में पकड़े गए बदमाशों के नाम, पता या मोबाइल नंबर एप पर डाले जाएंगे इस प्रक्रिया के बाद अपराधी का पूरा इतिहास खुल जाएगा।
यही नहीं आंकड़े गवाही दे रहे हैं सबसे ज्यादा पुलिस और अपराधियों में भिड़ंत पश्चिम उत्तर प्रदेश में देखने को मिली। इनमें मेरठ में 720, आगरा में 601 और बरेली में 343 एनकाउंटर हुए। यानी 2244 एनकाउंटर में से 1664 एनकाउंटर पश्चिम उत्तर प्रदेश के ही खाते में गए हैं।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने तैयार की सूची.........
दरअसल मार्च 2018 में मुजफ्फरनगर पुलिस ने 2 हजार से अधिक हिस्ट्रीशीट वाले बदमाशों की जांच की थी, जिसमें पाया गया था कि इनमें से 700 अपराधी या तो मर चुके हैं, या फिर क्राइम छोड़कर सामान्य जीवन जी रहे हैं। एसपी सिटी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान 70 अपराधी घायल हो चुके हैं। वहीं 9 के करीब बदमाश मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
सिटी एसपी ने बताया कि अपराधियों की हिस्ट्रीशीट और गैंगस्टर की फाइल बंद करने के लिए तीन कैटेगरी बनाई गई है। पहली कैटेगरी में ऐसे अपराधी शामिल किए गए थे, जिनकी मौत हो चुकी है।वहीं, दूसरी कैटेगरी में उन अपराधियों को रखा गया था कि जिन्होंने गलती से क्राइम किया था और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था जबकि तीसरी कैटिगरी में ऐसे अपराधी शामिल थे जिन्होंने सात वर्षों में कोई क्राइम ही नहीं किया। वहीं कुछ अपराधी जो बहुत उम्रदराज हो चुके हैं पुलिस ने ऐसे करीब 600 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट को बंद कर दिया है।